
घर लेना हर किसी का सपना होता है। लेकिन अगर आप इसे लोन लेकर खरीदने की सोच रहे हैं, तो जरूरी है कि आप सिर्फ EMI नहीं, बल्कि उससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात को ध्यान से समझें।
Home Loan एक बड़ा और दीर्घकालिक वित्तीय फैसला है, इसलिए इसे लेने से पहले पूरी सतर्कता और जानकारी ज़रूरी होती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे — Home Loan लेने से पहले किन बातों की जांच जरूर करनी चाहिए।
1. ब्याज दर (Interest Rate)
ब्याज दर सबसे अहम पहलू है क्योंकि यहीं से तय होता है कि आपकी EMI कितनी होगी और कुल कितनी राशि आप चुकाएंगे। दो प्रकार की ब्याज दर होती हैं:
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फिक्स्ड रेट: एक तय दर पर पूरी अवधि तक लोन चलता है।
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फ्लोटिंग रेट: बाजार के अनुसार ब्याज दर घट-बढ़ सकती है।
यदि आप भविष्य की अनिश्चितताओं से बचना चाहते हैं, तो फिक्स्ड रेट चुनें, लेकिन अगर आप बाजार पर नजर रख सकते हैं तो फ्लोटिंग रेट आपको कम भुगतान करने का अवसर दे सकता है।
2. EMI और लोन अवधि (Tenure)
लोन की अवधि जितनी लंबी होगी, EMI उतनी कम होगी, लेकिन कुल भुगतान ज्यादा होगा।
उदाहरण:
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₹30 लाख लोन पर 10 साल की अवधि में EMI ₹40,000 होगी
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वहीं 20 साल की अवधि में ₹28,000 के आस-पास होगी लेकिन कुल ब्याज अधिक लगेगा
इसलिए EMI को अपनी आय और भविष्य की ज़िम्मेदारियों के अनुसार चुनें। यह भी देखें कि क्या बैंक EMI में कोई लचीलापन (flexibility) देता है।
3. प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क
अक्सर लोग सिर्फ ब्याज दर देखकर लोन लेते हैं, लेकिन साथ में आने वाले खर्चे जैसे:
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प्रोसेसिंग फीस (0.5% – 2% तक)
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लीगल वेरिफिकेशन फीस
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टेक्निकल वैल्यूएशन फीस
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प्रिपेमेंट/फोरक्लोजर चार्ज
इनका भी ध्यान रखें क्योंकि ये मिलकर आपकी लागत बढ़ा सकते हैं।
4. प्रीपेमेंट और फोरक्लोजर नियम
प्रीपेमेंट यानी समय से पहले कुछ हिस्सा या पूरा लोन चुकाना। कई बैंक इस पर अतिरिक्त चार्ज लगाते हैं, खासकर फिक्स्ड रेट वाले लोन पर।
इसलिए यह जरूर जान लें कि:
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आप कितनी बार प्रीपेमेंट कर सकते हैं?
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उस पर कोई शुल्क लगेगा या नहीं?
प्रीपेमेंट सुविधा से आप ब्याज का बड़ा हिस्सा बचा सकते हैं।
5. लोन अमाउंट और एलिजिबिलिटी
हर बैंक आपकी आय, नौकरी की स्थिरता, क्रेडिट स्कोर और मौजूदा लोन को देखकर Home Loan की राशि तय करता है। यह जांचें कि:
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आपको कितना लोन मिल सकता है?
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आपकी मौजूदा EMI और इनकम में बैलेंस है या नहीं?
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बैंक आपकी सैलरी स्लिप, ITR, बैंक स्टेटमेंट मांगता है या नहीं?
सुझाव: EMI आपकी नेट इनकम का 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
6. क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score)
क्रेडिट स्कोर आपके पुराने लोन और क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर आधारित होता है।
750+ स्कोर होने पर आपको आसानी से लोन मिल जाता है और कम ब्याज पर भी मिल सकता है।
यदि आपका स्कोर कम है, तो:
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पहले उसे सुधारें
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फिर लोन के लिए आवेदन करें
7. प्रॉपर्टी से जुड़ी वैधता
Home Loan लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि जिस प्रॉपर्टी पर आप लोन ले रहे हैं:
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उसका क्लियर टाइटल है या नहीं
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अप्रूव्ड नक्शा, पिछले रिकॉर्ड और एनओसी है या नहीं
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रेरा में रजिस्टर्ड है (अगर प्रोजेक्ट नया है)
बैंक आमतौर पर खुद भी वैल्यूएशन और लीगल जांच करता है, लेकिन बेहतर होगा कि आप खुद भी स्वतंत्र सलाहकार से जांच करवाएं।
8. इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर
कई बैंक Home Loan के साथ जीवन बीमा या प्रॉपर्टी इंश्योरेंस जोड़ देते हैं।
अगर आप इसे लेना चाहें तो पहले:
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उसकी शर्तें समझें
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प्रीमियम दर देखें
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तुलना करें कि बाहर से खरीदना सस्ता पड़ेगा या नहीं
कई बार यह एक अतिरिक्त खर्च होता है जिसे मना किया जा सकता है।
9. बैंकों की तुलना करें
सिर्फ एक बैंक से ऑफर लेकर न रुकें। कम से कम 3–5 बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के प्रस्तावों की तुलना करें:
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ब्याज दर
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शुल्क
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सेवा की गुणवत्ता
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रिव्यू और ग्राहक अनुभव
आप ऑनलाइन comparison tools या ब्रोकर की सहायता भी ले सकते हैं।
10. लोन के कागज़ और शर्तें ध्यान से पढ़ें
लोन लेने से पहले आखिरी स्टेप होता है एग्रीमेंट को पढ़ना। यह सबसे ज़रूरी है क्योंकि:
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इसमें छिपे चार्ज और नियम हो सकते हैं
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EMI में देरी पर क्या पेनाल्टी है
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फोरक्लोजर की क्या शर्तें हैं
बिना पढ़े किसी दस्तावेज पर साइन करना भविष्य में बड़ी परेशानी बन सकता है।
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