
डिजिटल इंडिया की वजह से आज बैंकिंग, शॉपिंग, पेमेंट और कई अन्य सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। लेकिन जैसे-जैसे सुविधा बढ़ी है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी यानी Online Fraud के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। कई बार एक छोटी सी गलती से लोग अपने बैंक खाते से हजारों या लाखों रुपये गंवा देते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है, और किन बातों का ध्यान रखकर आप अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड क्या होता है?
ऑनलाइन फ्रॉड का अर्थ है—डिजिटल माध्यमों से धोखे से किसी व्यक्ति की निजी जानकारी, बैंक डिटेल्स या पैसों की चोरी। इसमें सोशल मीडिया, ईमेल, वेबसाइट, मोबाइल ऐप या कॉल के जरिए किसी को फंसाकर उनसे ठगी की जाती है।
ऑनलाइन फ्रॉड के प्रमुख प्रकार
1. फिशिंग ईमेल या SMS
बैंक या कंपनी के नाम से नकली ईमेल/SMS भेजे जाते हैं, जिसमें लिंक होता है। जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं, आपकी जानकारी चोरी हो जाती है।
2. फर्जी कॉल से केवाईसी अपडेट
कॉल करके यह कहा जाता है कि “आपका खाता बंद होने वाला है, तुरंत केवाईसी अपडेट करें।” इसके बाद आपकी OTP या बैंक डिटेल ली जाती है।
3. UPI या QR कोड स्कैम
फ्रॉड करने वाले कहते हैं कि “QR कोड स्कैन करें, पैसा मिलेगा”, लेकिन वास्तव में इससे आपके खाते से पैसा चला जाता है।
4. फेक जॉब ऑफर
सोशल मीडिया या ईमेल के जरिए “घर बैठे ₹30,000 कमाएं” जैसे ऑफर भेजे जाते हैं, और रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा लिया जाता है।
5. नकली लोन ऐप
ऐसे ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है जो लोन देने का दावा करते हैं, और बाद में ब्याज वसूलने या ब्लैकमेल करने लगते हैं।
6. फर्जी शॉपिंग वेबसाइट
डिस्काउंट और ऑफर्स दिखाकर लोगों को फेक वेबसाइट पर बुलाया जाता है, और पेमेंट के बाद सामान नहीं मिलता।
कैसे बचें ऑनलाइन फ्रॉड से?
1. OTP और बैंक डिटेल किसी से भी साझा न करें
कोई भी बैंक या असली कंपनी OTP, पासवर्ड या CVV नहीं मांगती। यदि कोई मांगे, तो समझिए वह धोखेबाज है।
2. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें
ईमेल या WhatsApp में आए किसी भी लिंक को बिना जांचे न खोलें। फर्जी वेबसाइट की पहचान URL देखकर करें – “https://” और साइट का नाम ध्यान से देखें।
3. सिर्फ सरकारी या आधिकारिक ऐप और वेबसाइट का इस्तेमाल करें
Play Store या App Store से ही ऐप डाउनलोड करें और उनके रिव्यू जरूर पढ़ें। वेबसाइट पर ताले (lock icon) का निशान देखना न भूलें।
4. पब्लिक वाई-फाई से बैंकिंग न करें
कैफे, होटल या रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों पर खुले वाई-फाई से नेट बैंकिंग या UPI ट्रांजैक्शन करना जोखिम भरा हो सकता है।
5. QR कोड स्कैन करके पैसा नहीं आता
हमेशा याद रखें: QR स्कैन करने से पैसा जाता है, आता नहीं। कोई भी कहे कि “QR स्कैन करो, पैसा मिलेगा”, तो धोखा है।
6. स्क्रीन शेयरिंग ऐप से बचें
AnyDesk, TeamViewer जैसे ऐप्स से किसी को भी अपनी स्क्रीन शेयर न करें। ये आपके बैंकिंग ऐप्स को एक्सेस कर सकते हैं।
7. सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें
आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि जैसी जानकारियां फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से बचें।
बैंकिंग और UPI सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
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हर 2-3 महीने में अपना UPI पिन बदलें।
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मोबाइल पर बैंकिंग अलर्ट सेवा चालू रखें।
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किसी नए नंबर पर पैसे भेजने से पहले ₹1 भेजकर पुष्टि करें।
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नेट बैंकिंग का उपयोग करने के बाद हमेशा लॉगआउट करें।
अगर आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो जाए तो क्या करें?
1. तुरंत बैंक से संपर्क करें
कस्टमर केयर को कॉल करके खाते को अस्थायी रूप से ब्लॉक कराएं और ट्रांजैक्शन रिवर्स कराने की मांग करें।
2. साइबर क्राइम की शिकायत करें
सरकारी वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जाएं और विस्तृत शिकायत दर्ज करें।
3. 1930 पर कॉल करें
यह भारत सरकार की साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन है, जहाँ आप तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
4. नजदीकी थाने में FIR दर्ज कराएं
यदि रकम बड़ी है या फ्रॉड गंभीर है, तो थाने में एफआईआर जरूर दर्ज कराएं।
अतिरिक्त सुझाव: अपने परिवार को भी करें जागरूक
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घर के बुजुर्ग और बच्चे अक्सर आसानी से ठगी का शिकार बनते हैं। उन्हें सरल भाषा में इन बातों को समझाएं।
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ऑनलाइन पढ़ाई या गेमिंग के बहाने बच्चों को संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से रोकें।
डिजिटल समय में सतर्कता ही सुरक्षा है
ऑनलाइन फ्रॉड से बचना कठिन नहीं है, अगर हम थोड़ी सी सतर्कता और समझदारी दिखाएं। हमेशा यह सोचें कि कोई भी ऑफर या कॉल अगर “बहुत अच्छा” लगे, तो उसमें कुछ गड़बड़ी जरूर हो सकती है। खुद भी जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।
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