
Emergency Fund यानी ऐसा फंड जो जीवन की अनिश्चित परिस्थितियों में हमारी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह फंड तब काम आता है जब नौकरी छूट जाए, मेडिकल इमरजेंसी हो, कोई बड़ा खर्च सामने आ जाए या फिर अचानक आमदनी रुक जाए।
अक्सर लोग इन हालातों में कर्ज में फँस जाते हैं क्योंकि उन्होंने आपात स्थिति के लिए तैयारी नहीं की होती। इसलिए, एक मजबूत इमरजेंसी फंड बनाना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है – चाहे वो स्टूडेंट हो, नौकरीपेशा या बिज़नेस करने वाला।
Emergency Fund क्या होता है?
Emergency Fund एक अलग रखा गया पैसा होता है, जिसे आप केवल आपातकालीन स्थितियों में ही इस्तेमाल करते हैं। यह फंड आपके रोजमर्रा के खर्च, EMI, स्कूल फीस, दवाइयों आदि के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह होता है।
क्यों ज़रूरी है Emergency Fund?
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नौकरी छूटने की स्थिति में सहारा
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Medical Emergency के समय खर्च की चिंता नहीं
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बिज़नेस में घाटा या लॉकडाउन जैसी स्थिति में मददगार
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कर्ज लेने से बचाव
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मानसिक शांति और आत्मनिर्भरता
कितना बड़ा होना चाहिए Emergency Fund?
कम से कम 6 से 12 महीने के मासिक खर्चों के बराबर फंड तैयार रखें।
उदाहरण:
अगर आपके महीने का कुल खर्च ₹30,000 है (EMI + किराया + राशन + बिल आदि), तो आपको कम से कम ₹1,80,000 (6 महीने) से ₹3,60,000 (12 महीने) तक का फंड रखना चाहिए।
Emergency Fund कैसे बनाएं? – Step by Step Guide
Step 1: अपने मासिक खर्चों की लिस्ट बनाएं
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किराया / लोन EMI
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खाने-पीने का खर्च
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बच्चों की स्कूल फीस
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मेडिकल खर्च
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बिजली-पानी-बिल आदि
Step 2: एक लक्ष्य तय करें
अपने खर्चों के आधार पर Emergency Fund का Target बनाएं।
Step 3: अलग अकाउंट में पैसा जमा करें
इमरजेंसी फंड को सेविंग अकाउंट या लिक्विड फंड में रखें, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत निकाला जा सके। इसे कभी भी अपनी सामान्य सेविंग से न मिलाएं।
Step 4: हर महीने थोड़ी राशि अलग करें
हर महीने अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा (जैसे 10%) Emergency Fund में डालें।
Step 5: Bonus या Extra Income से Fund बढ़ाएं
अगर सालाना बोनस मिले या कोई साइड इनकम हो, तो उसका कुछ हिस्सा Emergency Fund में डालें।
Emergency Fund रखने के लिए Best विकल्प
1. High-Interest Savings Account
– आसानी से पैसा निकाला जा सकता है
– थोड़ा ब्याज भी मिलता है
– सुरक्षित विकल्प
2. Liquid Mutual Funds
– बैंक एफडी से थोड़ा ज़्यादा रिटर्न
– 24 घंटे में पैसा निकाल सकते हैं
– जोखिम बहुत कम
3. Recurring Deposit (RD)
– हर महीने छोटी राशि जोड़कर फंड बना सकते हैं
– फिक्स्ड टेन्योर होता है
4. Fixed Deposit (FD) (Short-term)
– कुछ हिस्सा फिक्स्ड डिपॉजिट में रखा जा सकता है
– जल्दबाज़ी में ब्रेक भी किया जा सकता है
Emergency Fund बनाते समय ध्यान रखें:
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इसे इंवेस्टमेंट न समझें, यह सुरक्षा फंड है
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इसे शेयर बाजार में न लगाएं — वहां जोखिम होता है
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फंड तक तुरंत पहुंच होनी चाहिए
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फंड को कभी बेवजह खर्च न करें
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परिवार को भी इसके बारे में जानकारी दें
किन गलतियों से बचें?
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Emergency Fund को घूमने या गिफ्ट में खर्च करना
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फंड को लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट में लगाना
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जरूरत से कम रकम रखना
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इसे सेविंग अकाउंट में रखकर भूल जाना (मॉनिटरिंग न करना)
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इसे EMI या क्रेडिट कार्ड भरने के लिए इस्तेमाल करना
निष्कर्ष
एक Strong Emergency Fund बनाना एक फाइनेंशियल सुरक्षा कवच तैयार करने जैसा है। यह ना केवल आपकी मुश्किल घड़ी में मदद करेगा, बल्कि मानसिक शांति भी देगा।
“कमाई कितनी है, ये मायने नहीं रखता — बचत कितनी है और वो कब काम आएगी, ये ज्यादा जरूरी है।”
तो आज ही से एक योजना बनाएं, और धीरे-धीरे Emergency Fund तैयार करना शुरू करें। यह आपकी आर्थिक यात्रा का सबसे जरूरी और समझदारी भरा कदम होगा।
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